लोकपाल योजना

भारतीय रिज़र्व बैंक – एकीकृत लोकपाल योजना, 2021 – मुख्य विशेषताएँ

एकीकृत ओम्बड्समन योजना, 2021, 12 नवंबर 2021 से प्रभावी है। यह योजना ‘एक राष्ट्र, एक ओम्बड्समन’ दृष्टिकोण अपनाती है और RBI ओम्बड्समन तंत्र को क्षेत्राधिकार-निरपेक्ष बनाती है।

यह RBI की मौजूदा तीन ओम्बड्समन योजनाओं को समेकित करती है, अर्थात्:

  1. बैंकिंग ओम्बड्समन योजना, 2006;
  2. नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों के लिए ओम्बड्समन योजना, 2018; और
  3. डिजिटल लेनदेन के लिए ओम्बड्समन योजना, 2019।

1. लागूक्षेत्र (APPLICABILITY):

यह योजना उन ग्राहक शिकायतों के निवारण के लिए है जो RBI द्वारा लागू प्रावधानों के तहत नियंत्रित संस्थाओं द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं से संबंधित हैं। इनमें रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया अधिनियम, 1934, बैंकिंग रेगुलेशन अधिनियम, 1949, भुगतान और निपटान प्रणालियाँ अधिनियम, 2007, और क्रेडिट सूचना कंपनियाँ (नियमन) अधिनियम, 2005 (30 of 2005) के प्रावधान शामिल हैं।

2. परिभाषाएँ(DEFINITIONS): 

यहां प्रयुक्त किन्तु परिभाषित न किए गए बड़े अक्षरों वाले शब्दों का अर्थ योजना में निर्दिष्ट अर्थ के समान होगा।

“अपील प्राधिकारी” का अर्थ है – RBI के उस विभाग के प्रभारी कार्यकारी निदेशक जो इस योजना का प्रशासन करते हैं।

“अधिकृत प्रतिनिधि” का अर्थ है – ऐसा व्यक्ति (जो अधिवक्ता न हो) जिसे शिकायतकर्ता की ओर से ओम्बड्समन के समक्ष कार्यवाही में प्रतिनिधित्व करने के लिए विधिवत रूप से लिखित रूप में नियुक्त और अधिकृत किया गया हो।

“शिकायत” का अर्थ है – किसी विनियमित इकाई (Regulated Entity) की ओर से सेवा में कमी का आरोप लगाते हुए लिखित रूप में या अन्य माध्यमों से की गई अभिव्यक्ति, जिसके अंतर्गत योजना के प्रावधानों के तहत राहत की मांग की जाती है।

“सेवा में कमी” का अर्थ है – किसी वित्तीय सेवा या उससे संबंधित अन्य सेवाओं में किसी प्रकार की कमी या अपर्याप्तता, जिसे विनियमित इकाई को विधिक या अन्य रूप से प्रदान करना आवश्यक है, चाहे इससे ग्राहक को वित्तीय हानि या नुकसान हो या न हो।

“विनियमित इकाई(याँ)” या “RE” का अर्थ है – बैंक, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC), सिस्टम प्रतिभागी (System Participant) या क्रेडिट सूचना कंपनी (Credit Information Company), जैसा कि योजना में परिभाषित है, या RBI द्वारा समय-समय पर निर्दिष्ट कोई अन्य इकाई — योजना के अंतर्गत बहिष्कृत न होने की सीमा तक।

3. लोकपालकी शक्तियाँ और कार्य (POWERS AND FUNCTIONS): 

  1. ओम्बड्समैन/उप-ओम्बड्समैन विनियमित इकाइयों (Regulated Entities) के ग्राहकों की उन शिकायतों पर विचार करेंगे जो सेवा में कमी (Deficiency in Service) से संबंधित होंगी।
  2. विवाद की राशि पर कोई सीमा नहीं है जिसे ओम्बड्समैन के समक्ष लाया जा सकता है, और जिसके लिए ओम्बड्समैन निर्णय (Award) पारित कर सकता है। तथापि, शिकायतकर्ता द्वारा झेली गई परिणामी हानि (Consequential Loss) के लिए ओम्बड्समैन को अधिकतम ₹20,00,000 तक का मुआवज़ा प्रदान करने का अधिकार होगा, इसके अतिरिक्त, शिकायतकर्ता के समय की हानि, हुए व्यय तथा उत्पीड़न/मानसिक कष्ट के लिए अधिकतम ₹1,00,000 तक की क्षतिपूर्ति दी जा सकेगी।
  3. जहाँ ओम्बड्समैन को सभी शिकायतों का निपटारा करने और उन्हें बंद करने की शक्ति होगी, वहीं उप-ओम्बड्समैन को योजना की धारा 10 के अंतर्गत आने वाली शिकायतों (जिनका संक्षिप्त उल्लेख इस दस्तावेज़ की धारा IV(B) और (C) में किया गया है) तथा योजना की धारा 14 के अंतर्गत सुविधा (Facilitation) के माध्यम से सुलझाई गई शिकायतों (जिनका संक्षिप्त उल्लेख धारा VI में किया गया है) को बंद करने की शक्ति होगी।
  4. ओम्बड्समैन प्रत्येक वर्ष 31 मार्च की स्थिति के अनुसार रिज़र्व बैंक के उप-गवर्नर को एक रिपोर्ट प्रेषित करेगा,
    जिसमें पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान कार्यालय की गतिविधियों की सामान्य समीक्षा शामिल होगी, तथा ऐसी अन्य जानकारी भी प्रदान करेगा जैसा कि रिज़र्व बैंक निर्देशित करेगा।

4. शिकायतनिवारण की प्रक्रिया (PROCEDURE FOR GRIEVANCE REDRESSAL): 

1. शिकायत के आधार:

यदि किसी ग्राहक को किसी विनियमित इकाई (Regulated Entity) के कार्य या चूक के कारण सेवा में कमी (Deficiency in Service) से हानि हुई हो, तो वह स्वयं अथवा किसी अधिकृत प्रतिनिधि के माध्यम से इस योजना के अंतर्गत शिकायत दर्ज कर सकता है।

2. योजना के अंतर्गत शिकायत स्वीकार्य नहीं होगी, जब तक कि:

  1. शिकायतकर्ता ने योजना के अंतर्गत शिकायत करने से पहले संबंधित विनियमित इकाई को लिखित रूप में शिकायत की हो, और—
    • विनियमित इकाई ने शिकायत को पूर्णतः या आंशिक रूप से अस्वीकार कर दिया हो और शिकायतकर्ता उस उत्तर से संतुष्ट न हो; या
    • विनियमित इकाई को शिकायत प्राप्त होने के 30 दिनों के भीतर कोई उत्तर न दिया गया हो; तथा
    • शिकायत ओम्बड्समैन के पास उस दिनांक से एक वर्ष के भीतर की गई हो जिस दिन शिकायतकर्ता को विनियमित इकाई से उत्तर प्राप्त हुआ; या, यदि उत्तर प्राप्त नहीं हुआ हो, तो शिकायत की तिथि से एक वर्ष और 30 दिनों के भीतर की गई हो।
  2. शिकायत उसी कारण से संबंधित न हो, जो पहले से:
    • किसी ओम्बड्समैन के समक्ष लंबित हो या किसी ओम्बड्समैन द्वारा मेरिट के आधार पर निपटाई या निस्तारित की जा चुकी हो, चाहे वह शिकायत उसी शिकायतकर्ता द्वारा या अन्य संबंधित पक्षों के साथ मिलकर की गई हो या नहीं; या
    • किसी न्यायालय, अधिकरण (Tribunal), मध्यस्थ (Arbitrator) या किसी अन्य मंच या प्राधिकरण के समक्ष लंबित हो; या
    • किसी न्यायालय, अधिकरण, मध्यस्थ या किसी अन्य मंच या प्राधिकरण द्वारा मेरिट के आधार पर निपटाई या निस्तारित की जा चुकी हो, चाहे वह शिकायत उसी शिकायतकर्ता या अन्य पक्षों द्वारा की गई हो या नहीं।
  3. शिकायत अपमानजनक, तुच्छ (frivolous) या दुर्भावनापूर्ण (vexatious) प्रकृति की न हो।
  4. शिकायत विनियमित इकाई को सीमाबद्धता अधिनियम, 1963 (Limitation Act, 1963) के अंतर्गत निर्दिष्ट अवधि समाप्त होने से पहले प्रस्तुत की गई हो।
  5. शिकायतकर्ता ने योजना की धारा 11 (इस दस्तावेज़ की धारा V(C) में संक्षेप में उल्लिखित) में निर्दिष्ट सभी आवश्यक जानकारी प्रदान की हो।
  6. शिकायत शिकायतकर्ता द्वारा स्वयं या किसी अधिकृत प्रतिनिधि (जो अधिवक्ता न हो, जब तक कि अधिवक्ता स्वयं शिकायतकर्ता न हो) के माध्यम से दर्ज की गई हो।

3. शिकायत की अस्वीकृत योग्यता के आधार (Grounds for Non-Maintainability of a Complaint):

ऐसी किसी भी शिकायत को योजना के अंतर्गत स्वीकार नहीं किया जाएगा जो सेवा में कमी (Deficiency in Service) से संबंधित होने के बावजूद निम्नलिखित मामलों से जुड़ी हो:

  1. किसी विनियमित इकाई (RE) के व्यावसायिक निर्णय या व्यावसायिक विवेक (Commercial Judgment/Decision) से संबंधित विवाद।
  2. किसी आउटसोर्सिंग अनुबंध से संबंधित विक्रेता (Vendor) और विनियमित इकाई (RE) के बीच का विवाद।
  3. ऐसी शिकायत जो सीधे ओम्बड्समैन को संबोधित न की गई हो।
  4. किसी विनियमित इकाई (RE) के प्रबंधन या अधिकारियों के विरुद्ध सामान्य शिकायतें।
  5. ऐसे विवाद जिनमें कार्रवाई किसी वैधानिक या कानून प्रवर्तन प्राधिकरण (Statutory or Law Enforcing Authority) के आदेशों के अनुपालन में की गई हो।
  6. ऐसी सेवाएँ जो भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के विनियामक अधिकार-क्षेत्र (Regulatory Purview) में नहीं आतीं।
  7. दो या अधिक विनियमित इकाइयों (REs) के बीच का विवाद।
  8. किसी विनियमित इकाई (RE) के कर्मचारी-नियोक्ता संबंध से संबंधित विवाद।
  9. ऐसा विवाद जिसके लिए क्रेडिट सूचना कंपनियाँ (नियमन) अधिनियम, 2005 की धारा 18 में पहले से उपचार (Remedy) प्रदान किया गया है।
  10. ऐसे विनियमित इकाइयों (RE) के ग्राहकों से संबंधित विवाद जो इस योजना के अंतर्गत सम्मिलित नहीं हैं।

5. शिकायतदर्ज करने की प्रक्रिया (PROCESS FOR FILING COMPLAINT): 

1. विनियमित इकाई (RE) को लिखित शिकायत:

ग्राहक हमारी किसी भी सेवा संपर्क बिंदु (Service Touch Point) पर जाकर शिकायत दर्ज करा सकता है और शिकायत दर्ज होने की तिथि से निर्धारित समय सीमा के भीतर उत्तर प्राप्त करने की अपेक्षा कर सकता है। विस्तृत शिकायत निवारण प्रक्रिया नीचे दिए गए लिंक पर उपलब्ध है: https://respo.co.in/grievance-redressal/

नोडल अधिकारी / प्रमुख नोडल अधिकारी / शिकायत निवारण अधिकारी का विवरण:

संदर्भ की सुविधा के लिए नोडल अधिकारी / प्रमुख नोडल अधिकारी / शिकायत निवारण अधिकारी का विवरण नीचे दिया गया है:

  • नाम: श्री स्वप्निल किनालेकर
  • पता: द्वितीय तल, डायना बिज़नेस पार्क, स्ट्रीट नं. 1, एम.आई.डी.सी., अंधेरी (पूर्व), मुंबई – 400 093
  • ईमेल आईडी: nodal@respo.co.in
  • संपर्क नंबर: 022-28256467

2. ओम्बड्समैन के पास शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया:

  1. शिकायत ऑनलाइन उस पोर्टल के माध्यम से दर्ज की जा सकती है जो इस उद्देश्य के लिए बनाया गया है: https://cms.rbi.org.in
  2. शिकायत को इलेक्ट्रॉनिक या भौतिक माध्यम से भी केंद्रीकृत प्राप्ति एवं प्रसंस्करण केंद्र (Centralised Receipt and Processing Centre) में जमा किया जा सकता है, जैसा कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अधिसूचित किया गया है। यदि शिकायत भौतिक रूप में प्रस्तुत की जाती है, तो उस पर शिकायतकर्ता या अधिकृत प्रतिनिधि के हस्ताक्षर होना अनिवार्य है।

6. शिकायतोंका निपटान (RESOLUTION OF COMPLAINTS): 

  1. ओम्बड्समैन / उप-ओम्बड्समैन शिकायतकर्ता और विनियमित इकाई (Regulated Entity) के बीच शिकायत का समाधान सुविधा (Facilitation), सुलह (Conciliation) या मध्यस्थता (Mediation) के माध्यम से समझौते द्वारा कराने का प्रयास करेंगे।
  2. विनियमित इकाई को शिकायत प्राप्त होने पर, उसे शिकायत में उल्लिखित तथ्यों के प्रत्युत्तर में अपना लिखित उत्तर तथा उस पर आधारित सभी दस्तावेज़ों की प्रतियां शिकायत प्राप्ति के 15 दिनों के भीतर ओम्बड्समैन के समक्ष प्रस्तुत करनी होंगी। यह प्रावधान है कि ओम्बड्समैन, यदि विनियमित इकाई द्वारा लिखित रूप में अनुरोध किया जाए और उसे उचित समझे, तो लिखित उत्तर और दस्तावेज़ प्रस्तुत करने के लिए अतिरिक्त समय प्रदान कर सकता है।
  3. यदि विनियमित इकाई निर्धारित समय सीमा में अपना लिखित उत्तर और दस्तावेज़ प्रस्तुत करने में विफल रहती है, तो ओम्बड्समैन उपलब्ध अभिलेखीय साक्ष्यों (Evidence on Record) के आधार पर एकपक्षीय रूप से (Ex-parte) कार्यवाही कर सकता है और उपयुक्त आदेश या निर्णय (Award) पारित कर सकता है।
  4. ओम्बड्समैन के समक्ष होने वाली कार्यवाहियाँ संक्षिप्त प्रकृति (Summary in Nature) की होंगी और वे साक्ष्य के औपचारिक नियमों से बाध्य नहीं होंगी।
  5. यदि शिकायत का आपसी समाधान (Amicable Settlement) पक्षों के बीच हो जाता है, तो उस समझौते को लिखित रूप में दर्ज किया जाएगा और दोनों पक्षों द्वारा हस्ताक्षरित किया जाएगा।
  6. शिकायत निम्न स्थितियों में संपन्न / निस्तारित (Resolved) मानी जाएगी:
    1. जब ओम्बड्समैन के हस्तक्षेप से विनियमित इकाई और शिकायतकर्ता के बीच शिकायत का समाधान हो गया हो; या
    2. जब शिकायतकर्ता ने लिखित रूप में या अन्यथा (जिसे अभिलेखित किया जा सकता है) यह सहमति दी हो कि शिकायत के समाधान की विधि और सीमा संतोषजनक है; या
    3. जब शिकायतकर्ता ने स्वेच्छा से अपनी शिकायत वापस ले ली हो।

7. लोकपालद्वारा पुरस्कार (AWARD BY THE OMBUDSMAN): 

  1. जब तक शिकायत को योजना की धारा 16 के अंतर्गत अस्वीकार नहीं किया जाता (जिसका संक्षिप्त उल्लेख इस दस्तावेज़ की धारा VIII में किया गया है),
    ओम्बड्समैन, अभिलेखों (Records) के आधार पर और दोनों पक्षों को सुनवाई का उचित अवसर प्रदान करने के पश्चात, निम्न स्थितियों में निर्णय (Award) पारित करेगा:
    • यदि आवश्यक दस्तावेज़ या जानकारी प्रस्तुत नहीं की गई हो; या
    • यदि योजना की धारा 14(9) (जिसका संक्षिप्त उल्लेख इस दस्तावेज़ की धारा VI(6) में किया गया है) के अंतर्गत मामला निस्तारित न हुआ हो।
  2. ओम्बड्समैन को ऐसा कोई निर्णय (Award) पारित करने की शक्ति नहीं होगी जिसके अंतर्गत शिकायतकर्ता को दी जाने वाली क्षतिपूर्ति शिकायतकर्ता द्वारा भुगते गए परिणामी नुकसान (Consequential Loss) या ₹20,00,000 — जो भी राशि कम हो — से अधिक हो। ओम्बड्समैन, शिकायतकर्ता के समय की हानि, हुए व्यय, उत्पीड़न तथा मानसिक कष्ट को ध्यान में रखते हुए अधिकतम ₹1,00,000 तक की अतिरिक्त क्षतिपूर्ति प्रदान कर सकता है।

8. शिकायतका अस्वीकरण (REJECTION OF A COMPLAINT):

1. उप-ओम्बड्समैन (Deputy Ombudsman) या ओम्बड्समैन किसी भी चरण पर शिकायत को अस्वीकार कर सकते हैं, यदि ऐसा प्रतीत होता है कि शिकायत:

(a) योजना की धारा 10 के अंतर्गत असंवहनीय (Non-maintainable) है (जिसका संक्षिप्त उल्लेख इस दस्तावेज़ की धारा IV(B) और (C) में किया गया है); या

(b) सुझाव देने, मार्गदर्शन प्राप्त करने या स्पष्टीकरण मांगने के स्वरूप की है।

2. ओम्बड्समैन किसी भी चरण पर शिकायत को अस्वीकार कर सकता है यदि:

(a) उसकी राय में सेवा में कोई कमी (Deficiency in Service) नहीं है; या

(b) शिकायतकर्ता द्वारा मांगी गई परिणामी क्षति (Consequential Loss) की क्षतिपूर्ति, योजना की धारा 8(2) (जिसका संक्षिप्त उल्लेख इस दस्तावेज़ की धारा III(2) में किया गया है) में निर्दिष्ट ओम्बड्समैन की शक्ति सीमा से अधिक है; या

(c) शिकायतकर्ता द्वारा शिकायत को पर्याप्त तत्परता (Reasonable Diligence) से आगे नहीं बढ़ाया गया है; या

(d) शिकायत पर्याप्त कारणों के बिना की गई है; या

(e) शिकायत के निस्तारण हेतु विस्तृत दस्तावेज़ी और मौखिक साक्ष्य की आवश्यकता है तथा ओम्बड्समैन के समक्ष कार्यवाही ऐसे मामलों के निर्णय के लिए उपयुक्त नहीं है; या

(f) ओम्बड्समैन की राय में शिकायतकर्ता को कोई वित्तीय हानि, नुकसान या असुविधा नहीं हुई है।

9. अपील(APPEAL BEFORE APPELLATE AUTHORITY): 

  1. यदि किसी शिकायतकर्ता को ओम्बड्समैन द्वारा पारित निर्णय (Award) या शिकायत की अस्वीकृति से असंतोष है, तो वह पुरस्कार या अस्वीकृति प्राप्त होने की तिथि से 30 दिनों के भीतर अपील प्राधिकारी (Appellate Authority) के समक्ष अपील प्रस्तुत कर सकता है।
  2. यदि अपील प्राधिकारी इस बात से संतुष्ट है कि शिकायतकर्ता के पास निर्धारित अवधि में अपील प्रस्तुत न कर पाने का पर्याप्त कारण था, तो वह अधिकतम 30 दिनों की अतिरिक्त अवधि की अनुमति दे सकता है।

नोट (NOTE):

  1. यह एक वैकल्पिक शिकायत निवारण ढांचा (Alternate Grievance Redressal Framework) है।
  2. शिकायतकर्ता को यह स्वतंत्रता है कि वह न्यायालय, अधिकरण (Tribunal), मध्यस्थ (Arbitrator) या किसी अन्य मंच अथवा प्राधिकारी के समक्ष भी अपनी शिकायत प्रस्तुत कर सकता है।

अधिक जानकारी के लिए कृपया योजना (Scheme) का संदर्भ लें, जो कंपनी की वेबसाइट www.respo.co.in अथवा RBI की वेबसाइट www.rbi.org.in पर उपलब्ध है। योजना की प्रति हमारे कार्यालयों में भी उपलब्ध है, जिसे अनुरोध पर ग्राहक को संदर्भ हेतु प्रदान किया जाएगा।

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